मंगलायतन विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से बसंत पंचमी पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं पुलवामा हमले की पुण्यतिथि पर शहीदों को याद किया गया।
सरस्वती मां के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रतिकुलपति प्रो. सिद्दी विरेसम ने अपने उद्बोधन में कहा कि बसंत पंचमी का दैवीय महत्व है। मां शारदा का अवतरण दिवस होने कारण छात्रों के लिए ये दिवस और भी अधिक महत्व रखता है। पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जो हमारे देश की रक्षा में लगे रहते हैं, उनको नमन करें। देश के शहीदों और उनके बलिदान को याद रखना ही सही में बसंत है। विशिष्ठ अतिथि कुलसचिव समरवीर सिंह ने कहा कि शहीदों के बलिदान से आज भी आंख भर आती हैं। उन्होंने कहा जवान अपनी जान हथेली पर रखते हैं ताकि हम देशवासी सुरक्षित जीवन जी सके। उन्होंने मां सरस्वती को विद्या, बुद्धि और रचनात्मकता का प्रतीक बताया।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। प्रस्तुति देने वाले छात्रों में निखिल, ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, काशवी, निया, चेतना सिंह, नंदनी, शिवम, विशाल, पर्व, अंशिका, दिव्यांशी आदि थे।
कार्यक्रम का संयोजन योग शिक्षिका एवं एनएएस की छटवीं इकाई की कार्यक्रम अधिकारी भावना राज ने किया। संचालन छात्रा अजिता ने किया। मार्गदर्शन डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. सिद्धार्थ जैन का रहा। कार्यक्रम संयोजन में प्रशासनिक अधिकारी गोपाल राजपूत और डॉ पूनम रानी, देवाशीष चक्रवर्ती, विलास पालखे आदि का सहयोग रहा। इस अवसर पर प्रो. जेएल जैन, प्रो. राजीव शर्मा, प्रो. आरके शर्मा, प्रो. अनुराग शाक्य, प्रो. सौरभ कुमार, डॉ संतोष गौतम, डॉ हैदर अली, डॉ विकास शर्मा, डॉ ममता रानी आदि मौजूद रहे।